आम एक रसदार फल हैं. जिसको फलों का राजा भी कहा जाता है. विश्वभर में आम के उत्पादन की दृष्टि से भारत का पहला स्थान है. आम का फल अपने स्वाद, रंग और खुशबू की वजह से सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. आम के फल में विटामिन ए और सी सबसे ज्यादा मात्रा मे पाए जाते हैं. आम का इस्तेमाल अचार, जूस, जैम और जेली जैसी और भी कई तरह की चीज़ो में होता है .
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केले की फसल में प्रोजिब इजी का इस्तेमाल कब और कैसे करें?
दोस्तों इस पोस्ट में हम बात करेंगे सुमिटोमो केमिकल के प्रोजीब इजी के बारे में और साथ ही आपको बताएँगे की केले की फसल में प्रोजीब इजी का चमत्कार देखने के लिए इसे कब और कितना इस्तेमाल करना है। सुमिटोमो केमिकल का प्रोजिब इजी, सबसे अच्छा जिब्रेलिक एसिड उत्पाद है।
दुनिया में फ़िलीपीन्स, इंडोनेशिया, समेत कई अन्य देशों में लाखों किसानों ने इसे अपनाया है। और अगर इंडिया की बात करें तो प्रोजिब इजी केले की खेती करने वाले हर प्रगतिशील किसान की पहली पसंद है। प्रोजिब इजी में है उत्तम क्वालिटी का जिब्रेलिक एसिड।
मक्का की फसल में फॉल आर्मी वर्म कीट नियंत्रण | Fall Armyworm Control In Maize
भारत में मक्का का सीजन बरसात के मौसम में आता है। और, यही मौसम फॉल आर्मी वर्म कीट का भी मनपसंद मौसम होता है। आज हम इससे मक्का की फसल में होने वाले नुकसान और रोकथाम के विषय में चर्चा करेंगे।
कैसा होता है आर्मी फॉल वार्म
आर्मी फॉल वार्म या लश्करी इल्ली एक प्रकार की इल्ली है. यह जिस फसल पर लग जाती है. उसको पूरी तरह से ख़राब कर देती है. यह चार अवस्थाए होती है पहले तो अंडा बनता है. इसी अंडे से लार्वा बनता है. यह तैयार होने में 14 से 15 दिन का समय लेता है. इसी लार्वे से प्यूपा बनता है और प्यूपा से यह पूरा व्यस्क कीट बन जाता है. इसका पूरा जीवनकाल 60 से 90 दिन होता है. इसका प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
धान की खेती की पूरी जानकारी, कैसे कम करें लागत और कमाएं ज्यादा मुनाफा
धान, भारत समेत कई एशियाई देशों की मुख्य खाद्य फसल है। इतना ही नहीं दुनिया में मक्का के बाद जो फसल सबसे ज्यादा बोई और उगाई जाती है वो धान ही है। करोड़ों किसान धान की खेती करते हैं। खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान लगभग पूरे भारत में लगाई जाती है। अगर कुछ बातों का शुरु से ही ध्यान रखा जाए तो धान की फसल ज्यादा मुनाफा देगी।
कम लागत में ज्यादा उत्पादन चाहिए, तो श्रीविधि से करें गेहूं की बुआई
धान की तर्ज पर गेहूं की खेती भी किसान यदि एसआरआई पद्दति (आम बोलचाल की भाषा में श्रीविधि) से करें तो गेहूं के उत्पादन में ढाई से तीन गुना वृद्धि हो सकती है। इस विधि (System of Rice Intensification) से खेती करने पर गेहूं की खेती में लागत परंपरागत विधि की तुलना में आधी आती है।
नई तकनीक का प्रयोग कर मक्के की खेती से कमाएं ज्यादा मुनाफा
अन्य फसलों की तुलना मे मक्का कम समय में पकने और अधिक पैदावार देने वाली फसल है। अगर किसान थोड़े ध्यान से और आज की तकनीकी के अनुसार खेती करें, तो इस फसल की अधिक पैदावार से अच्छा मुनाफा ले सकते हैं।
सोयाबीन की खेती- किस्में, रोकथाम व पैदावार ! Soybean Cultivation in Hindi
सोयाबीन (Soybean) खरीफ की फसल है। सोयाबीन (Soybean) जिव पोषण और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी खाद्य पदार्थ है, जिसके अंदर कार्बोहाइड्रेट 21 प्रतिशत, वसा 22 प्रतिशत, प्रोटीन 33 प्रतिशत और 12 प्रतिशत नमी होती है। इसलिए हम कह सकते है की सोयाबीन मानव जीवन के लिए कितना उपयोगी खाद्य पदार्थ है। सोयाबीन भारत की सबसे महत्वपूर्ण तिलहनी और जड़ ग्रंथिय फसल है। खाद्य तेल आपूर्ति और सोया खली निर्यात से सोयाबीन ने भारत देश की अर्थव्यवस्था को सुद्धढता प्रदान की है।
कपास की खेती कैसे करें – पूरी जानकारी यहाँ लें
कपास की पैदावार नगदी फसल के रूप में की जाती है. कपास को बाज़ार में बेचने पर किसानों की अच्छी कमाई हो जाती है. जिस कारण उनकी आर्थिक हालत में काफी सुधर आता है.आज इसकी पैदावार भारत के ज्यादातर हिस्सों में की जा रही है. कपास की आज कई तरह की प्रजातियाँ बाज़ार में पाई जाती हैं. जिनसे अधिक मात्रा में पैदावार प्राप्त होती है. सबसे लम्बे रेशों वाली कपास को सबसे सर्वोतम माना जाता है. जिसकी पैदावार तटीय इलाकों में ज्यादा होती है.
The Cotton Crop | How to Cultivate Cotton
The cotton plant has perhaps the most complex structure of all major field crops. Its indeterminate growth habit and extreme sensitivity to adverse environmental conditions is unique. The growth of the cotton plant is very predictable under favourable moisture and temperature conditions. Growth follows a well-defined and consistent pattern expressed in days. Another useful and more precise way to assess crop development relies on using daily temperatures during the season to monitor progress.
कपास में समेकित नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें, जानिए आधुनिक तकनीक
कपास में समेकित नाशीजीव प्रबंधन, कपास भारत की प्रमुख फसलों में से एक है जो देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| कपास की उच्च उपज वाली किस्मों के विकास, प्रौद्योगिकी के उपयुक्त हस्तांतरण, बेहतर कृषि प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने एवं संकर बीटी कपास की खेती के तहत बढ़े हुए क्षेत्र के माध्यम से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपास उत्पादक बन गया है| कपास की फसल की कम पैदावार के लिए कीट एवं रोग प्रमुख रूप से उत्तरदायी हैं| कपास को हानि पहुँचाने वाले कीटों की विभिन्न प्रजातियों में कुल 12 कीट आर्थिक क्षति की दृष्टि प्रमुख माने जाते हैं|