राजस्थान के अलवर और उसके विभिन्न क्षेत्रों जैसे, तिजारा, खानपुर, किशनगढ़, मलखेड़ा में जलेबी रोग (jalebee rog) प्याज के किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। कुछ खेत तो ऐसे हैं जिनमें प्याज की फसल (pyaaj kee phasal) नब्बे प्रतिशत तक खराब हो गयी है।

राजस्थान के अलवर और उसके विभिन्न क्षेत्रों जैसे, तिजारा, खानपुर, किशनगढ़, मलखेड़ा में जलेबी रोग (jalebee rog) प्याज के किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। कुछ खेत तो ऐसे हैं जिनमें प्याज की फसल (pyaaj kee phasal) नब्बे प्रतिशत तक खराब हो गयी है।
कपास की खेती नगदी फसल के रूप में होती है. इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है. इसकी खेती भारत के कई राज्यों में की जाती है. बाजार में कपास की कई प्रजातियाँ आती हैं, जिनसे ज्यादा पैदावार मिलती है. सबसे ज्यादा लम्बे रेशों वाली कपास को अच्छा माना जाता है.
मिर्च एक नकदी फसल होती है. जिसकी खेती से अधिक लाभ कमाया जा सकता है.यह हमारे भोजन का एक अहम हिस्सा है. अगर स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाये, तो यह हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें विटामिन ए, सी फॉस्फोरस, कैल्शियम समेत कई कुछ लवण पाये जाते है. भारतीय घरों में मिर्च को अचार, मसालों और सब्जी की तरह उपयोग किया जाता है.
काले गेहूं की बुवाई समय से एवं पर्याप्त नमी पर करना चाहिए. देर से बुवाई करने पर उपज में कमी होती है. जैसे-जैसे बुवाई में विलम्ब होता जाता है, गेहूं की पैदावार में गिरावट की दर बढ़ती चली जाती है. दिसंबर में बुवाई करने पर गेहूं की पैदावार 3 से 4 कु0/ हे0 एवं जनवरी में बुवाई करने पर 4 से 5 कु0/ हे0 प्रति सप्ताह की दर से घटती है.
सोयाबीन विश्व की एक प्रमुख फसल है। हमारे देश में यह विगत वर्षो में न केवल उच्च प्रोटीन वरन खाद्य तेल युक्त महत्वपूर्ण फसल के रूप में उभरी है। सोयाबीन उगाने वाले राज्यों में मध्यप्रदेश क्षेत्रफल (5.2 मिलियन हेक्टेयर) एवं उत्पादन (5.1 मिलियन टन) की दृष्टि से अग्रणी है तथा देश के सोयाबीन उत्पादन में 80 प्रतिशत का भागीदार है।
धान, भारत समेत कई एशियाई देशों की मुख्य खाद्य फसल है। इतना ही नहीं दुनिया में मक्का के बाद जो फसल सबसे ज्यादा बोई और उगाई जाती है वो धान ही है। करोड़ों किसान धान की खेती करते हैं। खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान लगभग पूरे भारत में लगाई जाती है। अगर कुछ बातों का शुरु से ही ध्यान रखा जाए तो धान की फसल ज्यादा मुनाफा देगी।
धान की तर्ज पर गेहूं की खेती भी किसान यदि एसआरआई पद्दति (आम बोलचाल की भाषा में श्रीविधि) से करें तो गेहूं के उत्पादन में ढाई से तीन गुना वृद्धि हो सकती है। इस विधि (System of Rice Intensification) से खेती करने पर गेहूं की खेती में लागत परंपरागत विधि की तुलना में आधी आती है।
अन्य फसलों की तुलना मे मक्का कम समय में पकने और अधिक पैदावार देने वाली फसल है। अगर किसान थोड़े ध्यान से और आज की तकनीकी के अनुसार खेती करें, तो इस फसल की अधिक पैदावार से अच्छा मुनाफा ले सकते हैं।
सोयाबीन (Soybean) खरीफ की फसल है। सोयाबीन (Soybean) जिव पोषण और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी खाद्य पदार्थ है, जिसके अंदर कार्बोहाइड्रेट 21 प्रतिशत, वसा 22 प्रतिशत, प्रोटीन 33 प्रतिशत और 12 प्रतिशत नमी होती है। इसलिए हम कह सकते है की सोयाबीन मानव जीवन के लिए कितना उपयोगी खाद्य पदार्थ है। सोयाबीन भारत की सबसे महत्वपूर्ण तिलहनी और जड़ ग्रंथिय फसल है। खाद्य तेल आपूर्ति और सोया खली निर्यात से सोयाबीन ने भारत देश की अर्थव्यवस्था को सुद्धढता प्रदान की है।
कपास की पैदावार नगदी फसल के रूप में की जाती है. कपास को बाज़ार में बेचने पर किसानों की अच्छी कमाई हो जाती है. जिस कारण उनकी आर्थिक हालत में काफी सुधर आता है.आज इसकी पैदावार भारत के ज्यादातर हिस्सों में की जा रही है. कपास की आज कई तरह की प्रजातियाँ बाज़ार में पाई जाती हैं. जिनसे अधिक मात्रा में पैदावार प्राप्त होती है. सबसे लम्बे रेशों वाली कपास को सबसे सर्वोतम माना जाता है. जिसकी पैदावार तटीय इलाकों में ज्यादा होती है.