राजस्थान के अलवर और उसके विभिन्न क्षेत्रों जैसे, तिजारा, खानपुर, किशनगढ़, मलखेड़ा में जलेबी रोग (jalebee rog) प्याज के किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। कुछ खेत तो ऐसे हैं जिनमें प्याज की फसल (pyaaj kee phasal) नब्बे प्रतिशत तक खराब हो गयी है।
प्याज की फसलों में ट्विस्टर डिजीज (twister disease) यानि जलेबी रोग (jalebee rog) लग गया है, शुरू में पत्तियों पर हलके पीले धब्बे दिखाई दिए जो पूरी तरह पत्ती को कवर करते हुए लम्बाई में फ़ैल गए, और पत्तियां सिकुड़ कर नीचे गिरने लगीं।
कई पौधों में तो इस रोग ने ऐसा भयानक रूप ले लिया है की प्याज की पत्तियां पूरी तरह विकृत हो गयीं है और ज़मीन की सतह से घूम गयीं है।
यह रोग इतनी जल्दी फैलता है की सही समय पर उपचार नहीं किया तो पांच से सात दिनों में पूरी फसल बर्बाद हो जाती है।
ट्विस्टर डिजीज (twister disease) यानि जलेबी रोग (jalebee rog) का इलाज।
कृषि रसायन के क्षेत्र में अग्रणी रहने वाली सुमिटोमो केमिकल इंडिया लिमिटेड के तीन उत्पाद, आपकी प्याज की फसल को ट्विस्टर डिजीज (twister disease) यानी जलेबी रोग (jalebee rog) से बचाएंगे और आपको मिलेगा ज़्यादा उत्पादन और ज़्यादा मुनाफ़ा,
तीस एम् एल किटोशी (Kitoshi) और पचास एम् एल वैलिडा (Valida) प्रति टंकी के हिसाब से स्प्रे करें, और ज़मीन में 500 ग्राम हारु (Haru) और 250 एम् एल वैलिडा (Valida) प्रति बीघे के हिसाब से डालें।
इससे आपकी प्याज कि फसल जलेबी रोग (jalebee rog) से मुक्त हो जायेगी और आगे भी जलेबी रोग (jalebee rog) कि समस्या नहीं आएगी।
और फसल रोग मुक्त होगी, तो उत्पादन होगा ज़्यादा। सुमिटोमो केमिकल के तीन उत्पाद – किटोशी (Kitoshi), वैलिडा (Valida) और हारु (Haru), प्याज की फसल (onion crop) को ट्विस्टर डिजीज (twister disease) यानि जलेबी रोग (jalebee rog) से बचाने का अचूक फार्मूला।
इस्तेमाल के समय की सावधानियां।
पहली सावधानी – जब तक जलेबी रोग और गलन कि समस्या रुके नहीं, तब तक खेत में यूरिया का प्रयोग ना करें।
दूसरी सावधानी – खेत में पानी कि बिलकुल हलकी सिंचाई करें, मतलब, एक बार खेत को सूखने दें उसके बाद ही पानी दें।
ज़्यादा जानकारी के लिए इस नंबर पर संपर्क करें- 9875137075
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