The cotton plant has perhaps the most complex structure of all major field crops. Its indeterminate growth habit and extreme sensitivity to adverse environmental conditions is unique. The growth of the cotton plant is very predictable under favourable moisture and temperature conditions. Growth follows a well-defined and consistent pattern expressed in days. Another useful and more precise way to assess crop development relies on using daily temperatures during the season to monitor progress.
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कपास में समेकित नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें, जानिए आधुनिक तकनीक
कपास में समेकित नाशीजीव प्रबंधन, कपास भारत की प्रमुख फसलों में से एक है जो देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| कपास की उच्च उपज वाली किस्मों के विकास, प्रौद्योगिकी के उपयुक्त हस्तांतरण, बेहतर कृषि प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने एवं संकर बीटी कपास की खेती के तहत बढ़े हुए क्षेत्र के माध्यम से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपास उत्पादक बन गया है| कपास की फसल की कम पैदावार के लिए कीट एवं रोग प्रमुख रूप से उत्तरदायी हैं| कपास को हानि पहुँचाने वाले कीटों की विभिन्न प्रजातियों में कुल 12 कीट आर्थिक क्षति की दृष्टि प्रमुख माने जाते हैं|
कपास की गुलाबी इल्ली या सुंडी से बचने के उपाय। फसल लगाने से पहले एक बार जरूर पढ़ें।
किसान मित्रों पिछले साल कपास में गुलाबी इल्ली के भयानक प्रकोप के कारण, इस बार पहले से ही गुलाबी इल्ली का नियंत्रण करना अत्यधिक जरुरी हो गया है। आप तो जानते ही है की हमारा देश विश्व में कपास का दूसरे नंबर का निर्यातक देश है पर बीटी कॉटन टेक्नोलॉजी आने से पहले गुलाबी इल्ली को कंट्रोल करना हमारे किसानो के लिए सबसे बड़ी समस्या थी। उस समय कपास का उत्पादन करना बहुत मुश्किल काम था। आज कपास में गुलाबी इल्ली के प्रकोप को देख कर लगता है की कहीं ना कहीं आज के समय में भी उन्हीं परिस्थतियो का निर्माण हो रहा है। इसलिए अब सही समय पर गुलाबी इल्ली के नियंत्रण के लिए उपाए करना बहुत जरुरी है। इसीलिए किसान भाइयो आने वाले साल में अगर कपास की अच्छी फसल लेनी है तो निम्नलिखित कुछ बातो को ध्यान में रखना होगा।
कपास की खेती कैसे करें! How to Cultivate Cotton
कपास की खेती भारत की सबसे महत्वपूर्ण रेशा और नगदी फसल में से एक है| और देश की औदधोगिक व कृषि अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख भूमिका निभाता है| कपास की खेती लगभग पुरे विश्व में उगाई जाती है| यह कपास की खेती वस्त्र उद्धोग को बुनियादी कच्चा माल प्रदान करता है| भारत में कपास की खेती लगभग 6 मिलियन किसानों को प्रत्यक्ष तौर पर आजीविका प्रदान करता है और 40 से 50 लाख लोग इसके व्यापार या प्रसंस्करण में कार्यरत है|
गन्ने की खेती कैसे करें – गन्ने की खेती में इन बारीकियों का रखें ध्यान (sugarcane cultivation)
गन्ना भारत में महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों में से एक है और इसकी नकदी फसल के रूप में एक प्रमुख स्थान है। चीनी और चीनी का मुख्य स्रोत गन्ना है। भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। गन्ना खेती बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देती है और विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सेब की खेती कैसे करें, जानिए उपयुक्त जलवायु, किस्में, रोग रोकथाम, पैदावार
विश्व में भारत का सेब की खेती से उत्पादन में नौवां स्थान है, जहाँ इसका कुल उत्पादन 1.48 मिलियन टन होता है| हमारे देश में सेब के कुल उत्पादन का 58 प्रतिशत जम्मू कश्मीर, 29 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश, 12 प्रतिशत उत्तरांचल तथा 1 प्रतिशत अरूणाचल प्रदेश में होता है| शीतोष्ण फलों में सेब अपने विशिष्ट स्वाद, सुगन्ध, रंग व अच्छी भण्डारण क्षमता के कारण प्रमुख स्थान रखता है| इसका उपयोग ताजे एवं प्रसंस्कृत उत्पादों जैसे- जैम, जूस, मुरब्बा इत्यादि के रूप में भी किया जाता है|
Grapes Farming in India
India is among the leading 10 countries in the world in the production of grapes. Mostly used in India as a table fresh fruit, grapes are also used for making wines and raisins. Did you know? There are more than 25 varieties of grapes!
अंगूर की खेती- कैसे करें
हमारे देश में व्यावसायिक रूप से अंगूर की खेती पिछले लगभग छः दशकों से की जा रही है और अब आर्थिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण बागवानी उद्यम के रूप से अंगूर की खेती काफी उन्नति पर है। आज महाराष्ट्र में सबसे अधिक क्षेत्र में अंगूर की खेती की जाती है तथा उत्पादन की दृष्टि से यह देश में अग्रणी है।
Mycorrhiza – it’s role in Agriculture
What is mycorrhiza: A mycorrhiza is a symbiotic association between a green plant and a fungus. The plant makes organic molecules such as sugars by photosynthesis and supplies them to the fungus, and the fungus supplies to the plant water and mineral nutrients, such as phosphorus, taken from the soil. Mycorrhizas are located in the roots of vascular plants.
मक्के की लश्करी इल्ली या फॉल आर्मी वर्म के बारे में जानिए सब कुछ। फसल लगाने से पहले एक बार जरूर पढ़ें।
फॉल आर्मी वर्म टिड्डी की तरह पूरी फसल नष्ट करने की क्षमता रखता है। यह कीट सबसे पहले 2015 में अमेरिका में पाया गया था। इसके बाद 2017 के अंत तक यह 54 अफ्रीकी देशों में से 44 देशों में फैल चुका है। वहां इस कीट ने काफी नुकसान पहुंचाया है। मई, 2018 में कर्नाटक के शिवगोमा में पाया गया। इसके बाद हसन, बेंगलुरू व चिकबालापुर में देखा गया। इसके आंध्र प्रदेश, गुजरात व बिहार में भी पाए जाने की सूचना है। यह कीट एक दिन में एक सौ किमी तक की उड़ान कर लेता है।